
भारत में गैर पारंपरिक सुरक्षा मुद्दे पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
कानपुर (रीजनल एक्सप्रेस)। आजादी के 75 वर्ष के अमृत महोत्सव की पावन बेला में शनिवार को डी ए वी कॉलेज कानपुर के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित तथा आई सी एस एस आर,नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “भारत में गैर पारंपरिक सुरक्षा मुद्दे” (नॉन ट्रेडीशनल सिक्योरिटी इश्यूज )इन इंडिया के उद्घाटन सत्र का प्रारंभ महाविद्यालय के सभागार में प्रातः 10:00 बजे प्रारंभ किया गया ।
उद्घाटन सत्र का संचालन डॉक्टर विनोद कुमार दुबे द्वारा किया गया, इस क्रम में मंच सज्जा चेयरपर्सन के रूप में मैडम कुमकुम स्वरूप सचिव प्रबंध समिति, डी ए वी कॉलेज कानपुर मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक एम्बेसडर डॉ दीपक वोहरा लेसाथू और गिनी देशों के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर विवेक द्विवेदी प्राचार्य ब्रह्मानंद कॉलेज, प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार दीक्षित डी ए वी कॉलेज, कानपुर के साथ इस राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक एवं आयोजन सचिव डॉ अभय राज सिंह मंचासीन हुए। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। सरस्वती वंदना की प्रस्तुति डॉक्टर श्रुति श्रीवास्तव द्वारा की गई तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत उद्बोधन प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार दीक्षित डी ए वी कॉलेज द्वारा किया गया इस क्रम में संगोष्ठी से संबंधित पुस्तक भारत में गैर परंपरागत सुरक्षा मुद्दे (नॉन ट्रेडीशनल सिक्योरिटी इश्यू इन इंडिया )का विमोचन सम्मानित मंच द्वारा किया गया। आयोजन सचिव डॉक्टर अभय राज सिंह द्वारा इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का परिचय प्रस्तुत किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि पारंपरिक सुरक्षा का तात्पर्य किसी राष्ट्र राज्य की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कथित बाहरी खतरों से सुरक्षित रखने के पारंपरिक दृष्टिकोण से है। सैन्य शक्ति प्रतिरोध और राज्य केंद्रित रक्षा के सिद्धांतों में निहित पारंपरिक सुरक्षा प्रमुख मुख्य रूप से सीमाओं की रक्षा के लिए एक मजबूत सैन्य बल बनाए रखने और अन्य राज्यों की आक्रामकता को रोकने की पारंपरिक दृष्टिकोण शीत युद्ध के युग के दौरान विकसित हुआ जहां प्राथमिक चिंताएं राष्ट्र राज्यों के बीच सशस्त्र संघर्ष की संभावना के इर्द-गिर्द घूमती थी शीत युद्ध की समाप्त के बाद से सुरक्षा की धारणा में सुरक्षा की धारणा में बदलाव की अस्तित्व और कल्याण के लिए चुनौतियां हैं जो मुख्य रूप से गैर सैनिक स्रोतों से उत्पन्न होती हैं। कीनोट एड्रेस मुख्य वक्ता एंबेसडर डॉक्टर दीपक बोहरा द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि जब जी-20 के प्रमुख के रूप में नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में आवाज की एकता उद्देश्य की एकता विषय पर 125 विकासशील देशों के लिए एक वर्चुअल वायस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की तो अफ्रीका में मुझे कुछ लोगों ने फोन किया कहते हैं कि उन्होंने भारत को अपना आदर्श चुना है मैंने उत्तर दिया यही है सही विकल्प बेबी साथ ही उन्होंने बताया 2021 में जब वायरस ने बिना तैयारी के भारत पर हमला किया तो हम लड़खड़ा गए हमें नहीं पता था कि क्या करें दुनिया में विशेष कर चीनियों ने मजाक उड़ाया हमने अपना लचीलापन दिखाया और तेजी से ठीक हुई जब वायरस आया तब एक भी पीपी किट निर्माता नहीं था भारत ने फोन किया और 3 महीने के भीतर हमारे पास पीपी किट बनाने वाली 600 कंपनियां हो गई मैडम कुमकुम स्वरूप सचिव प्रबंध समिति डी ए वी कॉलेज कानपुर ने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय परिवार को इस आयोजन की बधाई देते हुए सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी ।अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार दीक्षित द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया प्रथम तकनीकी सत्र अपराह्न 12:00 बजे महाविद्यालय के सभागार से प्रारंभ किया गया। मुख्य थीम था 1. साइबर सिक्योरिटी एंड इनफार्मेशन वाॅरफेयर 2. एनर्जी सिक्योरिटी एंड प्रिपेरेडनेस ऑफ़ इंडिया 3. चैलेंज ऑफ नॉरेटिव सोशल पॉलीटिकल कल्चरल पर आधारित इस तकनीकी सत्र की शुरुआत चेयरपर्सन एंबेसडर डॉ दीपक बोहरा द्वारा की गई प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर विजय खरे रक्षा एवं स्ट्रेटजिक अध्ययन विभाग सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय पुणे इस तकनीकी सत्र में डा यतींद्र सिंह, डॉक्टर अरविंद कुशवाहा, डा प्रिया दास आदि अनेक शोधार्थियों द्वारा संबंधित विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए अपराह्न 3:00 बजे महाविद्यालय के सभागार में प्रारंभ किया गया। मुख्य थीम न 1. एनवायरमेंटल सिक्योरिटी एंड क्लाइमेट चेंजनंबर दो पब्लिक हेल्थ एंड पेडेंमिक प्रिपेरेडनेस पर आधारित प्रोफेसर विजय खरे रक्षा अध्ययन एवं स्ट्रेटजिक अध्ययन विभाग सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय पुणे मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर पंकज झा ओपी जिंदल विश्वविद्यालय एवं डॉ पंकज वर्मा डीएस कॉलेज अलीगढ़ उपस्थित थे इस तकनीकी सत्र में ऑनलाइन सहित अनेक शोधार्थियों द्वारा संबंधित थीम पर अपने शोध प्रस्तुत किए गए इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रो निरंकार प्रसाद तिवारी डॉ अनिल कुमार सिंह डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव डॉ पंकज वर्मा प्रोफेसर संध्या सिंह प्रोफेसर राम तिवारी प्रोफेसर डीपी राव डॉ राम भाटिया डॉक्टर अमरेंद्र प्रताप गोंड डॉक्टर प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी डॉ रजत कुमार आदि मौजूद रहे।