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अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों के भविष्य को ‘श्रेष्ठ’ संवारेगा

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नई दिल्ली (रीजनल एक्सप्रेस)। संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति के सबसे गरीब छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लक्षित क्षेत्रों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठ) तैयार की गई है। लंबे समय से असमानता के शिकार अनुसूचित जाति समुदायों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर रखा गया और एक ऐसी स्थिति बनी रही जिसमें पर्याप्त शिक्षा की कमी का नुकसान पीढ़ियों तक चलता रहा। बिना किसी भेदभाव के शैक्षिक सुविधाओं के प्रसार के सरकारी प्रयासों ने लगभग सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने में अच्छा काम किया है। हालांकि, एक समान अवसर प्रदान करने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने का उद्देश्य अभी भी वास्तविकता से दूर है। लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठ) की परिकल्पना अनुसूचित जाति समुदायों के उन मेधावी गरीब छात्रों को कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराना है जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक हो।

  1. इसके तहत,राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा श्रेष्ठ के लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (एनईटीएस) के पारदर्शी तंत्र के जरिए प्रत्येक वर्ष राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों की एक निर्दिष्ट संख्या (लगभग 3000) का चयन किया जाता है। चयनित छात्रों को 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूरी करने के लिए 9वीं और 11वीं कक्षा में सीबीएसई से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाता है।
  2. इसके बाद, इन छात्रों को भारत सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना या मंत्रालय की उच्च श्रेणी की शिक्षा योजना से जोड़ा जा सकता है।
  3. इस योजना के लिए स्कूलों के चयन के लिए,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई तथा विभाग के वित्त प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि के साथ एक समिति के माध्यम से, सीबीएसई से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निजी आवासीय स्कूलों का चयन कुछ मानकों के आधार पर किया है। इन मानकों में (i) स्कूलों का कम से कम पिछले 5 वर्षों से अस्तित्व में होना (ii) पिछले 3 वर्षों से स्कूलों के बोर्ड के परिणाम कक्षा 10 और 12 में 75 प्रतिशत से अधिक होना, और (iii) स्कूलों के पास कक्षा 9वीं और 11वीं में एससी छात्रों के अतिरिक्त प्रवेश के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा होना, शामिल थे।
  4. इस योजना में छात्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए,विभाग ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों की तलाश करने का निर्णय लिया है, जो जेईई / एनईईटी सहित सभी प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है और एसएससी तथा अन्य के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों के चयन का काम करता है। इस योजना के तहत चयनित छात्रों को एनआईसी और एनटीए द्वारा ई-परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से उनकी पसंद के अनुसार देश भर में सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय स्कूलों में पढ़ने का मौका दिया जाता है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी आवासीय विद्यालयों में छात्रों को अपनी पसंद के प्रवेश के लिए ई-काउंसेलिंग के दो दौर अनिवार्य किए गए हैं। मंत्रालय ने इस योजना के लिए एनआईसी और एनआईसीएसआई के साथ एक समझौता है। योजना के तहत चयनित छात्रों को किसी भी कठिनाई से बचने और स्कूलों की सुविधा के लिए, योजना में एक बार में छात्रावास शुल्क सहित पूरे वर्ष के शुल्क के भुगतान के प्रावधानों शामिल किया गया है ताकि चयनित स्कूल खुद को अनुदान पोर्टल पर पंजीकृत करेंगे और श्रेष्ठ छात्रों के संबंध में अपना शुल्क दावा प्रस्तुत करेंगे। छात्रों के आवश्यक दस्तावेज ई-अनुदान पोर्टल के साथ एनटीए पोर्टल के एकीकरण के माध्यम से ई-अनुदान पोर्टल पर लिए जाएंगे।
  5. मंत्रालय कक्षा9वीं से 12वीं तक आवासीय सुविधा (छात्रावास) वाले सीबीएसई आधारित निजी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए सुविधाएं प्रदान करके गरीब और मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों को समान अवसर प्रदान करने का इरादा रखता है। भोजन शुल्क सहित स्कूल शुल्क और छात्रावास शुल्क का पूरा खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत छात्र अपनी शिक्षा के लिए देश भर में किसी भी स्कूल का चयन कर सकते हैं।
  6. इस योजना में राज्य के स्कूलों,ग्रामीण क्षेत्रों या क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों से सीबीएसई आधारित स्कूलों में शामिल होने वाले छात्रों के लिए 3 महीने की अवधि के लिए ब्रिज कोर्स का प्रावधान भी शामिल किया गया है, ताकि छात्र चयनित स्कूल के नए वातावरण में खुद को ढाल सकें। चयनित छात्रों की व्यक्तिगत शैक्षणिक आवश्यकताओं की पहचान करके ब्रिज कोर्स को स्कूल के नियमित समय के बाद आयोजित किया जाना चाहिए। इसमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि योजना के एससी छात्र स्कूल के बाकी छात्रों के साथ बराबरी के स्तर पर नियमित कक्षा की पढ़ाई समझ पा रहे हैं या नहीं। मंत्रालय ब्रिज कोर्स के लिए वार्षिक शुल्क के 10 प्रतिशत की अतिरिक्त लागत का भुगतान करेगा।

 

  1. छात्रों के लिए छात्रवृत्ति से स्कूल शुल्क (ट्यूशन शुल्क सहित) और छात्रावास शुल्क (मेस शुल्क सहित) दिया जाएगा जो नीचे दी गई अधिकतम सीमा के अधीन है:

 

कक्षा छात्रवृत्ति प्रति छात्र सालाना
9वीं 1,00,000
10वीं 1,10,000
11वीं 1,25,000
12वीं 1,35,000

 

  1. छात्रों की ये छात्रवृत्तियां प्रत्येक वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सीधे स्कूलों को एक किश्त में जारी की जाएंगी। मंत्रालय द्वारा समय-समय पर छात्रों की प्रगति की निगरानी की जाएगी। योजना को डीबीटी मोड में माना जाएगा।

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