
शौचालय के नाम पर करोड़ों का घोटाला
वर्ष 2021–22 में करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आई थी
कानपुर(रीजनल एक्सप्रेस)। स्वच्छ भारत मिशनग्रामीण के फेस-2 कार्यक्रम के तहत तरल अपशिष्ट प्रबंधन के काम में वर्ष 2021–22 में करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आई थी। अब इसको लेकर शासन सख्त नजर आ रहा एक। जिला और राज्य स्तरीय अधिकारियों की जांच रिपोर्ट मिलते ही अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कानपुर मंडल के डिप्टी डायरेक्टर पंचायत अभय कुमार शाही, तत्कालीन डीपीआरओ नमिता शरण और वर्तमान डीपीआरओ अभिलाष बाबू को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, काम में लापरवाही बरतने पर राज्य कंसलटेंट और पीएफएमएस के विशेषज्ञ की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी के तत्कालीन पटल सहायक के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं । वहीं, घोटाले को निलंबन के निर्देश
डीएम और मुख्य विकास अधिकारी के तरफ से आए हैं। वहीं, घोटाले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय का कहना है कि इस मामले में हमने विभागीय जांच कई महीने पहले ही शुरू कर दी थी और रिपोर्ट में घोटाले की जानकारी शासन को भेज दोषी कर्मचारियों के निलंबन और कार्रवाई की रिपोर्ट भेज दी थी जिसके चलते शासन स्तर से अब दोषियों पर कार्रवाई की गई है।
यह है पूरा मामला: वर्ष 2021- 22 में 347 ग्राम पंचायतों को चयनित कर 6.13 करोड़ रुपए की 31 नवंबर 2021 को सीसीएल दी गई थी। जिसको छह महीने से अधिक समय तक जिला स्तर पर रोक कर रखा गया है। जिला स्वच्छता समिति द्वारा कोई भी बैठक नहीं की है। इसके बाद 347 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष जुलाई 2022 से नवंबर 2022 तक 195 ग्राम पंचायतों में 4.9 करोड़ों रुपए की सीसीएल मनमाने ढंग से निर्गत कर दी गई। लेकिन जिले स्तर से सीसीएल स्वीकृति कर कोई भी डिस्पैच पत्र जारी नहीं किया गया।
रिपोर्ट: राहुल कुमार तिवारी