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गुरुकुल द्वारा आयोजित हुई कला प्रदर्शनी : कजरी 22

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कानपुर (रीजनल एक्सप्रेस)| गुरुकुल द्वारा आयोजित कला प्रदर्शनी “कजरी 22” रविवार को गुरुकुल कला दीर्घा, आजाद नगर में उद्घाटन के0 बी0 सक्सेना (फाउंडर मेंबर ऑफ दर्पण कानपुर) संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत वरिष्ठ एवं अभिनेता एवं निदेशक द्वारा किया गया।

गुरुकुल 5 वर्षों से कजरी मानसून शो का आयोजन कानपुर के समकालीन कलाकारों के सहयोग से करता रहा है, इस कला प्रदर्शनी में सभी कलाकारों ने सावन के दृश्य को रंगों से खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया है। के0 बी0 सक्सेना जी ने कानपुर के कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि यह बड़े ही हर्ष का विषय है कि कानपुर में एक ही स्थान पर सभी कलाकार उपस्थित होकर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहे हैं, चारों तरफ रंगों के खूबसूरत बादल एक नया माहौल दर्शा रहे हैं साथ ही गुरुकुल गुरु प्रोफेसर अभय द्विवेदी जी की सराहना की जिनके कारण सभी कलाकार एक स्थान पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में समर्थ हुए हैं।

कलाकारों ने सुंदर रंग संयोजन द्वारा वर्षा ऋतु को दर्शाया है सभी कलाकारों के भाव वर्षा ऋतु को कहीं बूंदों में, कहीं रंगीन बादलों व पहाड़ों में, कहीं हरियाली में दर्शा रहे हैं । कलाकार आर0 एस0 पांडे ने खुले हुए मैदान चारों तरफ फैली हुई हरियाली वह बादलों को घेरे हुए दर्शाया है, डॉक्टर नगीना गुप्ता ने बादलों को अपनी सौंदर्यमई कल्पना द्वारा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, अंजलि चौरसिया ने वर्षा ऋतु को रंगों में बिखेर दिया है, आयुष चौरसिया नवोदित कलाकार जिन्होंने अपनी कलाकृति द्वारा कला क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने को तत्पर हैं, संदीप चौरसिया ने पहाड़ों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया है, दिव्या शर्मा ने नवीन रंगों का प्रयोग कर विहंगम चित्र बनाया है, मोहित सिंह ने सीरेमिक का प्रयोग करते हुए वर्षा ऋतु को प्रयोगात्मक रूप में लाइट के साथ एक नवीन रूप दिया है। राजकुमार सिंह ने नीले बादलों को जल रंग द्वारा अभिव्यक्त किया है, डॉ0 मोनिका मैथानी संयुक्त रंग संयोजन द्वारा प्राकृतिक चित्र संयोजित किया है, अभिनय प्रकाश सिंह ने ग्लास पर नवीनतम प्रयोग किया है, निशी वर्मा ने चिड़ियों को बारिश की बूंदों में भीगते जल रंग द्वारा चित्रित किया है, उत्कर्ष मालवीय ने छोटे कैनवस पर बारिश की बूंदों के सौंदर्य को व्यक्त किया है, रिचा सिंह गौर ने चाय के प्याले और वर्षा की बूंदों का सृजनात्मक रूप दिखाया है, सीमा मिश्रा ने नाइफ द्वारा प्रयोग करते हुए एक नवीन सजन तैयार किया है, अर्चना वर्मा ने आधुनिकतम प्रयोग करते हुए लोहे की पत्ती द्वारा चित्र पूर्ण किया है, सुमित ठाकुर ने एक्रेलिक कलर द्वारा सुंदर रंग संयोजन प्रस्तुत किया है, अतुल सिंह ने बादलों की सौंदर्य मई छटा को रंगों से बिखेर दिया है, बाल कलाकार देव ने भी अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया है, नवमी शुक्ला व गुरजीत सिंह के चित्रों में विविधता है, डॉ0 शालिनी पांडिया ने जल रंगों के द्वारा अद्वितीय प्राकृतिक दृश्यों का सृजन किया है, डॉ0 लोकेश्वर ने जल रंग द्वारा नीले आकाश का विहंगम दृश्य प्रस्तुत किया है, शिवांगी कनौजिया ने रोलर बना इसका प्रयोग करते हुए पहाड़ी परिदृश्य को ग्रे रंग में भीगा हुआ दिखाया है, इस अवसर पर गुरुकुल के संस्थापक प्रोफेसर अभय द्विवेदी जी ने बताया कि हर वर्ष सावन के अवसर पर गुरुकुल के कलाकारों द्वारा इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस कला प्रदर्शनी में लगभग 30 कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है साथ ही बताया कि गुरुकुल दृश्य कला एवं नाट्य विद्यालय का यही उद्देश्य रहा है कि कलाकार यहां पर आ कर कार्य करें वह समय-समय पर प्रदर्शनी का आयोजन होता रहे यही हमारा मूल उद्देश्य है।

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