
गुरू की उपाधि माता-पिता से भी बढ़कर : खंड शिक्षा अधिकारी
कानपुर(रीजनल एक्स्प्रेस)। शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नही होते हैं।सेवाकाल में रहते हुए वह मासूमों को शिक्षा और संस्कार देते हैं तो अवकाश ग्रहण के पश्चात अपने अनुभवों के आधार पर समाज का मार्गदर्शन करते हैं।
वह राष्ट्र निर्माता हैं, इसीलिए गुरू की उपाधि माता-पिता से भी बढ़कर बताई गई है। यह बातें खंड शिक्षा अधिकारी जगदीश कुमार श्रीवास्तव ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय भीसी जरिगाँव कल्यानपुर के प्रधानाध्यापक सतीश चन्द बाजपेई द्वारा आयोजित रिटायर्ड विदाई एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि ने कही। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि गुरू कुम्हार के समान होता है जो मिट्टी के लोने को मनचाहा आकार देता है, ठीक उसी प्रकार बच्चों को संवारकर शिक्षक भी अपनी अमिट छाप छोड़ता है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है शिक्षकों द्वारा देश व समाज को दिया गया योगदान सदा अनुकरणीय होता है। खंड शिक्षा अधिकारी और जिला अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापक को प्रतीक चिन्ह और साल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर ग्राम प्रधान धर्मेद्र कुमार, अवदेश शर्मा, अफजाल अहमद, पल्लवी चौरसिया, पूनम दुबे, विकास त्रिर्वेदी, कोशिकी मिश्रा, रानी, साधना, निधि वर्मा, रेखा मिश्रा, चतेना पांडेय आदि शिक्षक उपस्थित रही।